Wednesday, April 7, 2021

परीक्षा पे चर्चा- 2021

मोदी सर के छात्रों को टिप्स - परीक्षा के नंबर आपकी योग्यता की पहचान नहीं; छात्रों को दिया टास्क प्रधानमंत्री मोदी अपने लोकप्रिय कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' 2021 में ऑनलाइन इंटेरैक्शन के दौरान देश भर के छात्रों से 14 लाख रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स, पैरेंट्स एवं टीचर्स से चर्चा की। छात्रों, शिक्षक और पैरैंट्स ने डिजिटल मोड में मोदी सर से सवाल पूछे। सवालों के जवाब में पीएम ने कहा, "परीक्षा को लेकर तनाव न लें। परीक्षा से डरना नहीं चाहिए। माता पिता को बच्चों पर परीक्षा को लेकर तनाव नहीं लेना चाहिए। बच्चों की सहज एवं तनावमुक्त रखना है।" देश भर के स्कूलों में सीनियर कक्षाओं 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए आयोजित होने वाली वार्षिक एवं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर होने वाले तनाव को लेकर प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण टिप्स दिये। एक पैरैंट्स के पूछे गये सवाल के जवाब में मोदी सर ने कहा, "पैरेट्स को चेक करना चाहिए कि कहीं आप अपने विचार व्यवहार से बच्चों पर कितना असर हो रहा है। बच्चों को देने वाले मूल्यों को जीकर उन्हें प्रेरित करने का प्रयास करें। आपके आचार-व्यवहार से बच्चे सीखते हैं।" पीएम ने छात्रों को दिया टास्क पीएम मोदी सर ने चर्चा की समाप्ति पर बच्चों को एक टास्क भी दिया। पीएम ने कहा कि परीक्षाओं की समाप्ति के बाद हमारे आजादी 75वें साल में उन महापुरुषों के योगदान पर प्रोजेक्ट बनाइए। इसमें अपने बड़ों और टीचर्स से गाइडेंस लीजिए। बच्चों को मोटिवेट रखने के लिए पीएम के टिप्स एक अन्य पैरेंट्स द्वारा बच्चों को मोटिवेट करने के उपाय के लिए मांगे गये टिप्स को लेकर पीएम ने कहा, "बच्चे बहुत एक्टिव होते हैं। हमे बड़े होने के बावजूद अपना मूल्यांकन करना चाहिए। हम एक सामाजिक ढांचा बना देते हैं और कोशिश करते हैं बच्चे उसी में ढल जाएं। हम जाने-अनजाने बच्चों को इंस्ट्रूमेंट मान लेते हैं। बच्चों को मोटिवेट करने का तरीका ट्रेनिंग। ट्रेनिंग के लिए अच्छी किताबें, मूवी या अच्छी कविता का सहारा लिया जा सकता है। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा सुबह उठकर पढ़ें, बच्चे सामने ऐसी चर्चा करें कि सुबह उठने के क्या फायदे हैं।" बच्चों को मोटिवेट रखने के लिए सवाल पर ही पीएम मोदी ने आगे कहा, "बच्चों में कभी भी भय पैदा न करें। ऐसा आसान लगता है लेकिन इससे निगेटिव मोटिवेशन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जैसे ही आपके द्वारा खड़ा किया गया हौवा खत्म होता है तो उसका मोटिवेशन भी समाप्त हो जाता है।" मोदी सर के छात्रों और पैरैंट्स को टिप्स परीक्षा आखिरी पड़ाव नहीं है। परीक्षा में समय को बराबर-बराबर बांटना चाहिए। एग्जाम हॉल में जाते समय सारी टेंशन को बाहर छोड़ देना चाहिए। परीक्षा के नंबर आपकी योग्यता के पहचान नहीं हैं। परीक्षा एक पड़ाव मात्र है। जो लोग सफल होते हैं वे सभी विषयों में पारंगत नहीं होते, बल्कि वे किसी एक विषय में निपुण होते हैं। इसलिए किसी एक विषय में महारथ हासिल करें। क्रिएटिविटी का दायरा नॉलेज से बहुत दूर ले जाता है। मोदी सर ने कहा, "जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि।" शिक्षक छात्रों को टोकने की बजाय उन्हें गाइड करें। परीक्षा के दौरान आसान सवाल पहले हल करें, इससे तनाव कम होगा और आत्म-विश्वास बढ़ेगा। हम जाने-अनजाने बच्चों को इंस्ट्रूमेंट मान लेते हैं। बच्चों को मोटिवेट करने का तरीका ट्रेनिंग। बच्चों में कभी भी भय पैदा न करें। ऐसा आसान लगता है लेकिन इससे निगेटिव मोटिवेशन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। टीचर के कहने का बच्चों पर अधिक असर होता है। अपने आस-पास के वातावरण से सीखिए। याद करने की बजाय जीने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों को सकारात्मक प्रेरणा देते रहना चाहिए। बच्चों को अपने सपने को लेकर बैठना नहीं चाहिए, बल्कि उसक लिए सतत प्रयास करने चाहिए। बच्चों के साथ अपने गैप को कम कीजिए। उनके साथ क्लोजनेस बढ़ाईये। जब बच्चा छोटा होता है तो आप उसके साथ बच्चे बन जाते हैं। ऐसा 5-6 साल की उम्र तक चलता रहता है। लेकिन बाद में माँ-बाप बच्चों को डॉमिनेट करने लग जाते हैं। बच्चे के मन से जुड़ें। उसके साथ इमोशनली अटैच हों। अगर बच्चा कुछ गलत करके आया तो पहले उसकी बात समझिए। बच्चे को बार-बार इंस्ट्रक्टर की तरह मत समझाइए। बल्कि उसकी एक्टिविटी को ऑब्जर्व करे। बच्चों को सुधारने के लिए इन्वार्यमेंट क्रिएट करिए, ताकि बच्चा गलत करता है तो उसे अससास हो कि वह गलत कर रहा है। बच्चों को आनंद में शामिल होइए और जेनरेशन गैप कम करें। इसके लिए बच्चों के साथ बातचीत करनी होगी। जरूरी हो स्वयं को बदलना भी होगा।

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